देश के अगले CDS की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू करने वाली है सरकार, ये हैं दौड़ में सबसे आगे
देश के अगले CDS की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू करने वाली है सरकार, ये हैं दौड़ में सबसे आगे
नई दिल्ली। जनरल बिपिन रावत की हेलीकाप्टर दुर्घटना में मृत्यु के बाद रिक्त हुए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद को भरने के लिए सरकार जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करेगी। इस पद पर नियुक्ति के लिए थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे का नाम सबसे आगे चल रहा है। कई सेवानिवृत्त सैन्य कमांडरों ने भी कहा है कि अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे जनरल नरवणे की इस पद पर नियुक्ति समझदारी भरा कदम होगा। जानें क्या बन रहे समीकरण, क्या है इस पद के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया...
इस घटनाक्रम के जानकार लोगों ने गुरुवार को बताया कि सरकार थलसेना, वायुसेना और नौसेना के वरिष्ठ कमांडरों के नामों का एक पैनल बनाएगी। अगले दो-तीन दिनों में तीनों सेनाओं की सिफारिशों के आधार पर इस पैनल को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसके बाद इसे स्वीकृति के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भेजा जाएगा। उनकी स्वीकृति के बाद ये नाम विचार के लिए नियुक्ति संबंधी कैबिनेट समिति के पास भेजे जाएंगे जो देश के अगले सीडीएस पर अंतिम निर्णय लेगी।
जानकारों के मुताबिक, सीडीएस की नियुक्ति में भी सरकार उसी प्रोटोकाल का पालन करेगी जो तीनों सेनाओं के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए निर्धारित है। सीडीएस शक्तिशाली चीफ आफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) का चेयरमैन होता है जिसमें तीनों सेना प्रमुख शामिल होते हैं। लद्दाख में गतिरोध से निपटने समेत समग्र प्रदर्शन के आधार पर सीडीएस के रूप में जनरल नरवणे की नियुक्ति की संभावना अधिक है। इसके अलावा वह तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ हैं।
जनरल नरवणे ने 31 दिसंबर, 2019 को जनरल रावत से यह पद संभाला था। जबकि वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने इसी साल क्रमश: 30 सितंबर और 30 नवंबर को पदभार संभाला था। साथ ही सैन्य योजनाकारों के एक प्रभावशाली वर्ग का मानना रहा है कि सीडीएस थलसेना से ही होना चाहिए, कम से कम जब तक महत्वाकांक्षी रक्षा सुधारों के तहत थियेटर कमानों की निर्माण प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।
उल्लेखनीय है सीडीएस के रूप में जनरल रावत का कार्यकाल मार्च, 2023 तक था। सीडीएस की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है जबकि सेना प्रमुखों का कार्यकाल 62 वर्ष की उम्र तक या तीन वर्ष के लिए (जो पहले हो) होता है।
जनरल नरवणे को अगर सीडीएस नियुक्त किया जाता है तो सरकार को साथ ही साथ उनकी जगह भी भरनी होगी। ऐसी स्थिति में सेना उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती और उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी सेना प्रमुख पद की दौड़ में सबसे आगे होंगे। दोनों अधिकारी एक ही बैच के हैं और जनरल नरवणे के बाद वरिष्ठतम हैं। हालांकि लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर काम करने का लंबा अनुभव है इसलिए जनरल नरवणे के सीडीएस बनने पर उनके सेना प्रमुख बनने की अधिक संभावना है।